भारत

ब्लू सिटी जोधपुर की यात्रा गाइड

क्या आपको पता है कि बॉलीवुड फिल्म हम साथ-साथ हैं, ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान, जोधा अकबर, और हॉलीवुड फिल्म जंगल बुक, द डार्क नाइट राइजेस, द लायन किंग, में क्या समानताएं हैं?

ये सारी फ़िल्में जोधपुर स्थित मेहरानगढ़ किले में शूट की गयी हैं। 

भारत के राजस्थान राज्य के दिल में स्थित जोधपुर अक्सर “नीला शहर”, “गेटवे टू थार”, और “सन सिटी” के नाम से जाना जाता है।

अपने ऐतिहासिक धरोहर, शानदार वास्तुकला और लजीज खानपान के लिए मशहूर यह शहर विभिन्न प्रकार के यात्रियों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।

इस यात्रा गाइड में, हम आपको जोधपुर के एक आभासी यात्रा पर ले जाएंगे। इसके साथ-साथ यह भी बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंचें, कहां रुकें, कब जाएं, क्या खाएं, क्या खरीदें आदि।

तो चाहे आप इतिहास देखने के शौकीन हों, खाने के शौकीन हों, साहसी हों, या संस्कृति के खोजकर्ता हों, जोधपुर में सभी के लिए कुछ न कुछ अवश्य है।

नोट: इस पोस्ट में कुछ लिंक हो सकते हैं जो आपके द्वारा खरीदारी या कोई आरक्षण करने पर हमें वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं। वे किसी भी तरह से हमारी राय या यहां दी गई जानकारी को प्रभावित नहीं करते हैं।

विषय सूची

जोधपुर कैसे पहुंचें?
जोधपुर में घूमने की जगहें
जोधपुर के स्थानीय पकवान
जोधपुर में क्या स्मृति चिन्ह खरीदें?
जोधपुर में कहां रुकें?
यात्रियों के लिए सुझाव
जोधपुर में आकर्षणों के बीच दूरी और ट्रांसपोर्ट के विकल्प
जोधपुर घूमने का सही समय
जोधपुर घूमने का खर्चा और दिनों की संख्या
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
समापन 

जोधपुर कैसे पहुंचें?

जोधपुर भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिससे आपके लिए यहाँ पहुंचना काफी आसान है। यहाँ तक पहुँचने के कई रास्ते हैं, जिनमे कुछ आम विकल्पों में शामिल हैं:

हवाई जहाज द्वारा

जोधपुर का अपना हवाई अड्डा है, जिसे जोधपुर सिविल एयरपोर्ट (JDH) के नाम से भी जाना जाता है। यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुम्बई, और जयपुर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा है। कई घरेलू एयरलाइन्स नियमित फ्लाइट्स संचालित करती हैं।

स्मार्ट सुझाव: जोधपुर  की फ्लाइट देखें

ट्रेन द्वारा

जोधपुर रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप भारत से किसी भी शहर से यहाँ रेल द्वारा आसानी से आ सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन (JU) है, जो शहर के बीच स्थित है। आप अपने लोकेशन के आधार पर रात या दिन की ट्रेनों का विकल्प चुन सकते हैं। जोधपुर की ट्रेन यात्रा रेगिस्तानी परिदृश्य के सुरम्य दृश्य प्रस्तुत करता है।

रोड द्वारा

यदि आप सड़क यात्रा पसंद करते हैं, तो जोधपुर सड़कों द्वारा पहुंचा जा सकता है। आप जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद और अन्य स्थानों जैसे नजदीकी शहरों से जोधपुर तक ड्राइव कर सकते हैं।

राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न शहरों से जोधपुर के लिए नियमित बस सेवाएँ भी हैं। आप अपनी सुविधा के आधार पर राज्य संचालित बसों या निजी बस ऑपरेटरों में से चुन सकते हैं।

जोधपुर में घूमने की जगहें

1. मेहरानगढ़ किला

आपको जानके हैरानी होगी कि मेहरानगढ़ किला 400 की ऊंचाई पर एक चट्टान पर बसा है; इतना ही नहीं इसको 500 साल के अन्तराल में विभिन्न राजाओं द्वारा बनवाया गया। इसकी नींव रखने का श्रेय राठौर शासक राव जोधा (1459) को जाता है। 

तो आप सोच रहे होंगे कि यहाँ आपके लिए क्या है? चलिए आपको मेहरानगढ़ किले से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते है:

  • राठौड़ वंश के इष्ट देव “सूर्य” के प्रति सम्मान दिखाने के लिए, इस किले का नाम ‘मेहरान-गढ़’ पड़ा, जहाँ मेहरान का अर्थ सूर्य है और गढ़ का अर्थ किले से है।
  • किले के टॉप से शहर और किले के पास बसे सैकड़ों नीले घरों के मनोरम दृश्यों में डूब जाएं। वैसे यहाँ के सूर्यास्त का अनुभव करना आपकी सूची में अवश्य होना चाहिए।
  • रोमांच चाहने वालों के लिए, किले के ऊबड़-खाबड़ इलाके और खड़ी चट्टानों ने इसे रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रैकिंग के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बना दिया है।
  • मेहरानगढ़ किला का संगीत से गहरा नाता है। यह वार्षिक राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय लोक महोत्सव (आरआईएफएफ) का आयोजन करता है, जो दुनिया भर से संगीतकारों और संगीत प्रेमियों को आकर्षित करता है।
  • मेहरानगढ़ किले की दीवारें 10 किलोमीटर तक फैली हैं। इनकी ऊंचाई 20 फुट से 120 फुट तथा चौड़ाई 12 फुट से 70 फुट तक है।
  • किले के अंदर शीश महल और फूल महल का अन्वेषण करें। इसके  संग्रहालय में, राजकुलों की पालकियों, हथियारों, कलाकृतियां, प्राचीन सिक्के और कपड़ों के शानदार संग्रहण शामिल हैं।

टिकट रेट: ₹200 (भारतीय), ₹600 (विदेशी पर्यटक)

खुलने का समय: प्रातः 9 बजे से शाम 5 बजे तक।

2. जसवंत थड़ा

भले आप इतिहास में रूचि रखते हो या नहीं, सफेद संगमरमर से बना जसवंत थड़ा पहली नजर में ही आपका मन मोह लेगा। वजह? 

जटिल नक्काशी, उत्कृष्ट स्थापत्य कला, शांत माहौल, और मनमोहक दृश्य।

मेहरानगढ़ किले के बाईं ओर स्थित जसवंत थड़ा एक सफ़ेद संगमरमर समाधि है, जो शहर के हलचल से दूर राहत देता है। इसके चारों ओर की शांत झील एक ऐसा माहौल बनाते हैं कि आप खुद को फोटो खींचने से नहीं रोक पाएंगे।

यह स्मारक महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय को समर्पित है और क्षेत्र की कला की महानता की झलक प्रदान करता है। वैसे इसको मारवाड़ का ताजमहल भी कहा जाता है। यह जोधपुर के राजपरिवार के सदस्यों के दाह संस्कार के लिए आरक्षित है।

आप इसके परिसर में कुछ समय बैठकर शांति अनुभव कर सकते हैं। यहाँ जाते समय हल्के कपड़े पहने और पानी की बोतल साथ रखें।

  • टिकट रेट: ₹30 (भारतीय), ₹50 (विदेशी पर्यटक)
  • खुलने का समय: प्रातः 9 बजे से शाम 5 बजे तक।

3. तूरजी का झालरा बावड़ी

राजस्थान की बात हो रही हो और बावड़ी की बात न हो, ये तो बहुत मुश्किल है।

शहर की संकरी गलियों से होते हुए हम तूरजी का झालरा पहुचें जो एक प्रसिद्ध बावड़ी है। इस बावड़ी का निर्माण 18वीं शताब्दी में महाराजा अभय सिंह की रानी महारानी तूरजी ने करवाया था। 

इसे गर्मियों में लोगों के लिए पानी का स्रोत और तपती धूप से राहत प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। आज भी आप यहाँ लोगों को विश्राम करते और बच्चो को नहाते देख सकते हैं।

बावड़ी में जटिल नक्काशी, अलंकृत वास्तुकला और एक सममित डिजाइन है जो राजस्थानी शिल्प कौशल की भव्यता को दर्शाता है। आप इसके चारों ओर के शांत वातावरण का आनंद लेने के साथ फोटोग्राफी कर सकते हैं। 

  • टिकट रेट: कोई शुल्क नहीं।
  • खुलने का समय: 24/7

4. उम्मेद भवन पैलेस

जोधपुर में घूमने के जगहों में से अगला स्थान एक ऐसे महल की है जो दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है।

उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण 20वीं शताब्दी में जोधपुर राजा उम्मेद सिंह ने सूखे और अकाल के दौरान स्थानीय आबादी को रोजगार देने के लिए बनवाया था। इसका बाहरी भाग पीला बलुआ पत्थर से बना है जो ब्रिटिश वास्तुकार हेनरी लैंचेस्टर द्वारा डिजाइन किया गया था।

इसके कुल तीन हिस्से हैं:

  • एक हिस्सा अभी भी जोधपुर शाही परिवार का निवास स्थान है
  • दूसरे हिस्से को ताज होटल समूह द्वारा प्रबंधित एक शानदार विरासत होटल में बदल दिया गया है।
  • तीसरा हिस्सा महल में आने वाले पर्यटक के लिए है जो भव्य हॉल, संग्रहालय और खूबसूरत बगीचों को देख सकते हैं।

महल के भीतर का संग्रहालय पुरानी कारों, प्राचीन घड़ियों और शाही यादगार वस्तुओं सहित कलाकृतियों को रखा गया है, जो शाही परिवार के इतिहास और जीवनशैली की झलक पेश करता है।

  • टिकट रेट: ₹30 (भारतीय), ₹100 (विदेशी पर्यटक)
  • खुलने का समय: प्रातः 9 बजे से शाम 5 बजे तक।

5. क्लॉक टॉवर और सरदार मार्केट

घंटा घर के नाम से भी जाना जाने वाले जोधपुर क्लॉक टॉवर को 19वीं शताब्दी के अंत में महाराजा सरदार सिंह के पिता, महाराजा जसवंत सिंह के सम्मान में बनाया गया।

शाम के समय यहाँ की लइटेनिंग इसको और भी सुंदर बना देता है। आप टिकट लेकर इसके ऊपरी माला पर जाकार आसपास का दृश्य देख सकते हैं।

इसके निकट, आपको हलचल भरा सरदार मार्केट मिलेगा, जो शॉपिंग प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां, आप रंगीन वस्त्रों और हस्तशिल्प से लेकर आभूषण, मसाले और चमड़े के सामान तक कई वस्तुएं खरीद सकते हैं।

जीवंत वातावरण का आनंद लेते हुए आप स्थानीय स्ट्रीट फूड और स्नैक्स का जायका लेना तो बिलकुल न भूलें। 

  • टिकट रेट: कोई शुल्क नहीं।
  • खुलने का समय: प्रातः 10 बजे से शाम 6 बजे तक।

6. मंडोर गार्डन

मुख्य शहर केंद्र से लगभग 9 किलोमीटर उत्तर में स्थित मंडोर गार्डन हमारा जोधपुर में आखिरी स्टॉप था। आप कार, टैक्सी या ऑटो-रिक्शा से भी यहां पहुंच सकते हैं। हमने तो एक ऑटो बुक किया, जिसने कुछ मिनटों में हमे यहाँ ड्राप कर दिया।

आप यहाँ क्या कर सकते हैं:

  • स्मारकों की खोज करें: मंडोर गार्डन का मुख्य आकर्षण मारवाड़ क्षेत्र के महाराजाओं को समर्पित स्मारकों की एक श्रृंखला है। ये कब्रें लाल बलुआ पत्थर से बनी ऊंची, जटिल डिजाइन वाली संरचनाएं हैं।
  • हॉल ऑफ हीरोज घूमें: बगीचे के अंदर, आपको हॉल ऑफ हीरोज मिलेगा, जिसमें राजपूत नायकों और देवताओं की मूर्तियाँ हैं।
  • बगीचों का आनंद लें: मंडोर गार्डन केवल ऐतिहासिक संरचनाओं के बारे में नहीं है। आप हरे-भरे लॉन में इत्मीनान से टहल सकते हैं, हरियाली के बीच आराम कर सकते हैं और शांति की सराहना कर सकते हैं।
  • फोटोग्राफी करें: बगीचे की वास्तुकला, स्मारक और प्राकृतिक सुंदरता इसे फोटोग्राफी के लिए एक शानदार स्थान बनाती है। तो अपने कैमरे को लेकर तैयार रहिये कुछ अद्भुत नज़ारों को कैद करने के लिए।
  • पिकनिक मनाएं: कई स्थानीय लोग और पर्यटक पिकनिक और पारिवारिक सैर के लिए मंडोर गार्डन आते हैं। आप अपने प्रियजनों और दोस्तोंके साथ शांत वातावरण में भोजन का आनंद ले सकते हैं।
  • टिकट रेट: गार्डन के लिए कोई शुल्क नहीं (50 संग्रहालय के लिए)।
  • खुलने का समय: प्रातः 8 बजे से शाम 8 बजे तक।

7. बिश्नोई विलेज सफारी

बिश्नोई विलेज सफारी हमारे लिस्ट में नहीं था, लेकिन हमारे पास एक पूरा दिन था, तो हमने इसे करने का सोचा। 

यह अनूठा अनुभव आपको बिश्नोई समुदाय की परंपराओं और स्थायी जीवन शैली को दर्शाता है। आपको बताते चलें की बिश्नोई समाज के लोगों का प्रकृति से गहरा संबंध है और वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति बहुत जागरूक हैं।

यह सफारी बहुत रोमांचकारी है, जहां आप काले हिरण, मृग और विभिन्न पक्षी प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं। आप कारीगरों को मिट्टी के बर्तन और हस्तशिल्प बनाते हुए देखेंगे।

इसके अलावा, कुछ सफ़ारियाँ लोक नृत्य और संगीत जैसे सांस्कृतिक प्रदर्शन पेश करती हैं। इस सफारी के माध्यम से, आप न केवल बिश्नोई जीवन शैली की सराहना करेंगे, बल्कि राजस्थान की संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों की गहरी समझ भी हासिल करेंगे।

टिकट रेट: सफारी के लिए रेट ऊपर नीचे हो सकते हैं। हमने ₹2000 में सफारी बुक किया जिसमे 5 लोग शामिल थे।

जोधपुर के स्थानीय पकवान

जोधपुर खाने के शौकीनों के लिए स्वर्ग है। राजस्थानी व्यंजनों के स्वाद का आनंद अवश्य लें, जो अपने समृद्ध और सुगंधित जायके के लिए जाना जाता है। यहां कुछ डिशेज और स्थल हैं जिन्हें आपको आजमाना चाहिए:

  • दाल बाटी चूरमा: इसमें सुनहरे गेहूं की बनी गोलियां (बाटी) के साथ एक स्वादिष्ट दाल और मिठा कुटा हुआ गेहूं (चूरमा) शामिल है। स्थानीय भोजन का अद्वितीय स्वाद अनुभव करने के लिए स्थानीय भोजनालयों का दौरा करें।
  • मिर्ची वड़ा: यह एक तीखा स्नैक है जो स्थानीय लोगों के बीच में पसंदीदा है। इसमें आलू को भरा जाता है, जिसे बेसन के बैटर में डिप-फ्राइ किया जाता है, और पूर्णत: तला जाता है।
  • मखनिया लस्सी: मखनिया लस्सी एक ड्रिंक है, जिसमें दही, क्रीम, और चीनी का उपयोग होता है। यह जोधपुर की गर्मी से निजात दिलाता है।
  • प्याज़ की कचौड़ी: प्याज़ की कचौड़ी एक गहरी-फ्राइ की हुई चीज़ है जिसमें मसालेदार प्याज़ भरकर डीप-फ्राइ किया जाता है। यह एक पॉपुलर स्ट्रीट फ़ूड आइटम है जिसे आप कई स्थानीय बाजारों में पा सकते है।
  • गट्टे की सब्ज़ी: इसे बेसन की बूँदियों को दही की आधारित ग्रेवी में धीरे-धीरे पकाया जाता है। यह एक शाकाहारी लुभावने वाला व्यंजन है जो क्षेत्र के समृद्ध स्वाद को प्रस्तुत करता है।

आप राजस्थानी व्यंजनों के बारे में जानने के लिए स्थानीय रेस्तरां, स्ट्रीट फूड स्टॉल पर इन व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।

जोधपुर में क्या स्मृति चिन्ह खरीदें?

जोधपुर अपने जीवंत बाजारों और पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध शहर है। आपको घर ले जाने के लिए विभिन्न प्रकार की स्मृति चिन्ह मिलेंगे।

साड़ियों, पोशाकों और पगड़ियों सहित रंगीन बंधनी वस्त्रों को खरीदने के लिए नई सड़क, क्लॉक टॉवर मार्केट और त्रिपोलिया मार्केट जैसे स्थानीय बाजारों का अन्वेषण करें।

बैग, जूते और बेल्ट जैसे उत्कृष्ट हस्तनिर्मित चमड़े के सामान के लिए सरदार मार्केट और मोची बाज़ार जाएँ। जोधपुर जटिल चांदी के आभूषणों और रत्नों के लिए भी प्रसिद्ध है, क्लॉक टॉवर के पास पुराने शहर की दुकानें विस्तृत चयन की पेशकश करती हैं।

सुगंधित मसाले और राजस्थानी स्नैक्स खरीदने का मौका न चूकें। इसके अतिरिक्त आप अद्वितीय प्राचीन वस्तुएँ, लकड़ी के हस्तशिल्प और ब्लॉक-प्रिंटेड कपड़े ले सकते हैं ।

जोधपुर में कहां रुकें?

जोधपुर सभी बजटों और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए विविध आवास विकल्प प्रदान करता है।

  • धरोहर होटल: आप उम्मेद भवन पैलेस और रणबंका पैलेस जैसे धरोहर होटल में रूककर राजा-महाराजा जैसा मेहमाननवाजी पा सकते हैं।
  • बजट होटल: बजट वाले यात्री के लिए, मैंगो होटल्स, श्री राम इम्पायर, और केसर हेरिटेज गेस्ट हाउस जैसे अनेक विकल्प उपलब्ध हैं।
  • हॉस्टल: अगर आप एक बैकपैकर हैं, तो बजट-फ्रेंडली अनुभव के लिए जोस्टेल जोधपुर, समेत अन्य हॉस्टल में रुकने का विचार करें।

स्मार्ट सुझाव: जोधपुर में होटल बुक करें।

यात्रियों के लिए सुझाव

जोधपुर  की अपनी यात्रा का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए, निम्नलिखित सुझावों पर विचार करें:

  • जोधपुर  घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों (अक्टूबर से मार्च) के दौरान होता है जब शहर की खोज के लिए मौसम सुखद होता है।
  • स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करें, विशेष रूप से धार्मिक स्थलों का दौरा करते समय विनम्रता से कपड़े पहनें।
  • पानी की बोतल साथ रखें और हाइड्रेटेड रहें, क्योंकि जोधपुर का जलवायु गर्म और शुष्क हो सकती है।
  • स्मृति चिन्हों और वस्तुओं पर सर्वोत्तम सौदे पाने के लिए स्थानीय बाजारों में मोलभाव करने में संकोच न करें।
  • मेहरानगढ़ किले जैसे कुछ स्थानों पर फोटोग्राफी के संबंध में विशिष्ट नियम हो सकते हैं, इसलिए अनिश्चित होने पर हमेशा अनुमति मांगें।
  • सूरज के खिलाफ सुरक्षित रहें, जैसे कि आउटडोर गतिविधियों के दौरान स्क्रीनसन उपयोग करें, टोपी पहनें, और अपने आप को सूरज से बचाएं।

जोधपुर में आकर्षणों के बीच दूरी और ट्रांसपोर्ट के विकल्प

जोधपुर  में कुछ मुख्य स्थान आप या तो पैदल ही घूम सकते है, या टैक्सी/कैब बुक कर सकते हैं। इनमे मेहरानगढ़ किला, जसवंत ठाड़ा, तूरजी का झालरा, क्लॉक टावर, उमेद भवन पैलेस शामिल है। 

इसके अलावा मंडोर गार्डन, बिश्नोई विलेज सफारी आदि के लिए आपको टैक्सी बुक करना पड़ेगा, क्योंकि ये शहर के बाहर स्थित हैं।

और पढ़ें: जैसलमेर के टॉप पर्यटन स्थल

जोधपुर घूमने का सही समय

जोधपुर की यात्रा का आदर्श समय अक्टूबर से मार्च तक सर्दियों के महीनों के दौरान है। इस अवधि के दौरान, ठंडे तापमान के साथ मौसम सुहावना होता है, जो इसे दर्शनीय स्थलों की यात्रा और बाहरी गतिविधियों के लिए उपयुक्त बनाता है।

दिन धूपदार होते हैं और रातें अपेक्षाकृत ठंडी होती हैं। यह तब है जब आप गर्मियों की चिलचिलाती धूप के बिना आराम से शहर का भ्रमण कर सकते हैं।

हालाँकि, यदि आप कम भीड़ पसंद करते हैं और गर्मी सहन कर सकते हैं, तो आप अप्रैल से जून के मध्य मौसम या जुलाई से सितंबर तक मानसून के मौसम में भी जाने पर विचार कर सकते हैं।

बस इन समयों के दौरान गर्म मौसम के लिए तैयार रहें और ठंडे और हाइड्रेटेड रहने के लिए आवश्यक सावधानी बरतें।

जोधपुर घूमने का खर्चा और दिनों की संख्या

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप जोधपुर  में क्या देखना और करना चाहते हैं। यदि आप केवल मुख्य आकर्षणों पर जाना चाहते हैं, तो 2 दिन पर्याप्त होंगे। 

यदि आप मंडोर गार्डन, बिश्नोई विलेज सफारी, और स्थानीय संस्कृति का अनुभव करने जैसी और गतिविधियों में भाग लेना चाहते हैं, तो आप 3-4 दिनों के लिए ठहरने की योजना बना सकते हैं।

सभी के लिए बजट अलग-अलग हो सकता है। यह प्रायः इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा होटल लेते है, क्या खाते-पीते है और क्या खरीददारी करते हैं। फिर भी एक सामान्य बजट निम्नवत है:

  • एक दिन के लिए: ₹2000
  • दो दिन के लिए: ₹3000

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न

जोधपुर की प्रसिद्ध चीजें कौन कौन सी हैं?

जोधपुर में घूमने की जगहों  में मेहरानगढ़ किला, जसवंत थड़ा, उम्मेद भवन पैलेस, क्लॉक टॉवर और सरदार मार्केट और मंडोर गार्डन शामिल हैं।

जोधपुर का मुख्य बाजार कौन सा है?

जोधपुर में खरीददारी करने केलिए कई बाजार हैं। यहाँ का सरदार मार्केट कपड़ा, हस्तशिल्प और मसालों के लिए प्रसिद्ध है। आप शहर में पारंपरिक राजस्थानी कपड़ों और गहनों की खरीदारी भी कर सकते हैं।

जोधपुर को ब्लू सिटी क्यों कहा जाता है?

जोधपुर के मेहरानगढ़ के आसपास के घर नील रंग में है, इसलिए इसे “ब्लू सिटी” के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नीला रंग ब्राह्मण जाति से जुड़ा है, जिन्होंने अपने घरों को अन्य जातियों से अलग करने और ईश्वर के साथ उनके संबंध को दर्शाने के लिए नीले रंग से रंगना शुरू कर दिया।

क्या जोधपुर पर्यटकों के लिए सुरक्षित है?

जोधपुर आमतौर पर पर्यटकों के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालाँकि, आपको सामान्य सुरक्षा सावधानियाँ बरतनी चाहिए, जैसे कि अपने आस-पास के इलाके और चीज़ों  के बारे में जागरूक रहना।

समापन

तो यह हमारा जोधपुर में घूमने की जगहों पर यात्रा गाइड था। जोधपुर एक मनोरम गंतव्य है जो इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का सहज मिश्रण है

उम्मेद भवन पैलेस और क्लॉक टॉवर से लेकर शांत मंडोर गार्डन और विशाल बिश्नोई विलेज सफारी तक, जोधपुर यात्रियों के लिए विविध प्रकार के अनुभव प्रदान करता है।

तो  आइये इसके ऐतिहासिक स्थलों की खोज कीजिये, स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लीजिये, और स्थानीय संस्कृति में डूब जाइये। उम्मीद है इसमें जोधपुर से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी जानकारी को साझा करने में सफल रहे हैं।

फिर भी यदि आपके कोई सुझाव या सवाल हैं, तो आप बेझिझक नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार व्यक्त करें। हम आपके सुझावों से खुद को और बेहतर बनाने का प्रयत्न करेंगे।

एक अपील: कृपया कूड़े को इधर-उधर न फेंके। डस्टबिन का उपयोग करें और यदि आपको डस्टबिन नहीं मिल रहा है, तो कचरे को अपने साथ ले जाएं और जहां कूड़ेदान दिखाई दे, वहां फेंक दें। आपकी छोटी सी पहल भारत और दुनिया को स्वच्छ और हरा-भरा बना सकता है।

Abhishek Singh

मैं अभिषेक सिंह नवाबों के शहर लखनऊ से हूं। मैं एक कंटेंट राइटर के साथ-साथ डिजिटल मार्केटर भी हूं | मुझे खाना उतना ही पसंद है जितना मुझे यात्रा करना पसंद है। वर्तमान में, मैं अपने देश, भारत की विविध संस्कृति और विरासत की खोज कर रहा हूं। अपने खाली समय में, मैं नेटफ्लिक्स देखता हूं, किताबें पढ़ता हूं, कविताएं लिखता हूं, और खाना बनाता हूँ। मैं अपने यात्रा ब्लॉग मिसफिट वांडरर्स में अपने अनुभवों और सीखों को साझा करता हूं।

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