क्या आपको पता है कि भारत में मसूरी शहर दलाई लामा जी का पहला घर रहा था?
सन् 1959 में दलाई लामा तिब्बत से सबसे पहले मसूरी आए। फिर यहां से वे धर्मशाला चले गए। आज भी 5000 से ज्यादा तिब्बती लोग मसूरी में रहते है।
क्वीन ऑफ हिल्स के नाम से प्रसिद्ध मसूरी कई दशकों से पर्यटकों को आकर्षित करता आ रहा है। आज भी यह भारत के सबसे ज्यादा घूमे जाने वाले जगहों में शुमार होता है। यह देहरादून से बस कुछ किलोमीटर की दूरी पर है।
इस लेख में हम आपको मसूरी से जुड़ी सभी जानकारी देंगे। हम आपको बताएंगे कि आप मसूरी में कहा घूमें, क्या करें, कहां ठहरें, क्या खाएं, कैसे पहुंचें आदि।
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सूचना: इस पोस्ट में कुछ लिंक हो सकते हैं। जब आप उनके माध्यम से कुछ खरीदते हैं या कोई बुकिंग करते हैं तो हमें वित्तीय सहायता मिलती हैं। वे किसी भी तरह से हमारी राय या यहां प्रस्तुत जानकारी को प्रभावित नहीं करते हैं।
क्या आप जानते हैं कि केम्प्टी फॉल का नाम कैसे पड़ा?
केम्प्टी फॉल नाम ब्रिटिश अधिकारी जॉन मैकिनन ने दिया था।
यह नाम दो शब्दों से प्रेरित है कैंप और टी (चाय) का अर्थ है कैंप-टी (केम्प्टी)। अक्सर ब्रिटिश अधिकारी इस झरने पर चाय पार्टी किया करते थे।
शहर के केंद्र से 15 किमी की दूरी पर स्थित, केम्प्टी फॉल मसूरी का मुख्य पर्यटन स्थल है। झरने तक पहुंचने के लिए आपको कई सीढ़ियां उतरनी होती है।
नीचे जाते समय आपको कई दुकानों और खाने-पीने की जगहों से गुजरना होगा। यदि आप चलना नहीं चाहते हैं, तो दूसरा विकल्प है की आप नीचे उतरने के लिए रोपवे ले सकते हैं।
यह स्थान पर्यटकों से खचाखच भरा रहता है। तो अगर कुछ शानदार तस्वीरें लेनी है तो थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
यदि आप वॉटरफॉल में स्नान करना चाहते हैं, तो आप थोड़े से पैसे देकर कपड़े किराए पर ले सकते हैं। नहाने के बाद आप स्वादिष्ट मैगी के साथ गरमागरम चाय का लुत्फ उठा सकते हैं।
टिकट रेट: कोई शुल्क नहीं।
फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी निःशुल्क है।
खुलने का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक।
मॉल रोड से बस 3 किमी की दूरी पर स्थित कंपनी गार्डेन को म्युनिसिपल गार्डेन के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान बच्चों, परिवार और अपने मित्रों के साथ घूमने के लिए मसूरी का एक आदर्श स्थान है।
एक बड़े से हिस्से में फैला हुआ यह बगीचा चारों ओर से हरियाली से भरा है। अनगिनत पेड़ पौधे, फूलों की सैकड़ों प्रजातियां, फव्वारा, आर्टिफिशियल वॉटरफॉल, झील इसके वातावरण को और भी सुहावना बनाते हैं।
इसके अंदर एक एम्यूजमेंट पार्क भी है, जहां बच्चों के लिए झूले, नौका विहार, हॉरर हाउस, वैक्स म्यूजियम और अन्य तमाम तरह के विकल्प मौजूद हैं। इतना ही नहीं फोटोग्राफी के लिए भी यह एक उचित स्थान है।
टिकट रेट: ₹25 प्रति व्यक्ति।
फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है।
खुलने का समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक।
सर जॉर्ज एवरेस्ट वह व्यक्ति थे, जिन्होंने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को मापा था। वे एक सर्वेयर थे जिनको मसूरी की सुंदरता भा गई।
ये लगभग 30 साल तक इस घर में रहे। यह घर उन्हीं को समर्पित है। अब इसको म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया है। यहां उनके कार्यों के बारे ने तमाम जानकारी उपलब्ध है।
आपको यहां तक पहुंचने के लिए 2 किमी की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। आप यहां से अगलर नदी घाटी और इसकी हरी-भरी हरियाली के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
टिकट रेट: कोई शुल्क नहीं।
खुलने का समय: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक।
प्रकृति की गोद में बसा दलाई हिल्स मसूरी का कम जाना पहचाना स्थान है। यह लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी के ऊपर स्थित है। हैप्पी वैली में स्थित शेडप चॉर्फेलिंग मंदिर (बुद्ध मंदिर) से आप 400 मीटर की ट्रेक करके यहां पहुंच सकते हैं।
टॉप पर स्थित भगवान बुद्ध को प्रतिमा और अगल बगल बुद्धिस्ट झंडों की भरमार, इस जगह की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। सामने की ओर देखने पर आपको पहाड़ों की बड़ी-बड़ी चोटियां दिखती है।
अगर आप ट्रेकिंग के शौकीन हैं तो आपको बता दें कि यहां से कई ट्रेक शुरू होती है जो, धोबीघाट, क्लाउड एंड, जॉर्ज एवरेस्ट और बेनोग हिल्स तक जाती हैं।
खुलने का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक।
समुद्र तल से 7464 फीट की ऊंचाई पर स्थित लाल तिब्बा टॉप, मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है। यहां से आप बर्फ से ढके हिमालय पर्वत श्रृंखला के मनमोहक दृश्य देख सकते हैं।
लाल तिब्बा का मतलब लाल पहाड़ी है जो यहां के पहाड़ियों के रंग की वजह से जुड़ा है। सूर्योदय और सूर्यास्त के अदभुत नजारे पेश करने वाला यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए उचित स्थान है।
यहां एक जापानी दूरबीन स्थित है, जिसकी मदद से आप केदारनाथ, बद्रीनाथ और अन्य तमाम पर्वतों को निहार सकते है।
खुलने का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक।
गन हिल पॉइंट मसूरी की दूसरी सबसे बड़ी चोटी है, जहां से आप दून घाटी के साथ-साथ श्रीकंठ, गंगोत्री के साथ अन्य पर्वत श्रृंखला देख सकते हैं। यह आपको पूरे शहर का एक 360° का नजारा प्रस्तुत करता है।
मॉल रोड से इसकी दूरी महज 400 फीट है, जहां 20 मिनट की ट्रेकिंग के बाद पहुंचा जा सकता है। वैसे आप चाहें तो झूलाघर से गन हिल के लिए रोपवे भी चुन सकते है।
यह सूर्यास्त देखने के लिए मसूरी का एक उपयुक्त स्थान है।
रोपवे टिकट रेट: ₹75 प्रति व्यक्ति।
खुलने का समय: सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक।
यदि आप अपने मसूरी ट्रिप के दौरान एक ऐसे जगह की तलाश में हैं जहां बस दूर दूर तक शांति हो, तो क्लाउड्स एंड आपके लिए उपयुक्त स्थान है।
यह शहर का एक भागौलिक छोर है, जहां शहर की बाउंड्री समाप्त होती है। यहां 2000 एकड़ में दूर-दूर तक ओक और देवदार के पेड़ हैं।
क्लाउड्स एंड हेरिटेज होटल, एक विरासत है, जो इस जगह का एक अन्य आकर्षण का केंद्र है। पहाड़ की चढ़ाई, प्रकृति की सैर या जंगल वॉक कुछ अन्य एक्टिविटीज हैं जो आपको करना चाहिए।
झारीपानी फॉल्स, मसूरी का एक अन्य स्थान है, जो पर्यटकों द्वारा प्रभावित नहीं हुआ है। एकांत में वॉटरफॉल में नहाना और साथ ही पहाड़ों के अदभुत नजारे देखना एक अलग ही अनुभव होगा।
यह मसूरी-देहरादून रोड पर करीब 7 किमी की दूरी पर स्थित झारीपानी गांव के निकट हैं। वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए या तो आप ट्रेकिंग कर सकते हैं या कार से जा सकते है। यह झरना सूर्योदय से सूर्यास्त तक सभी दिनों में खुला रहता है।
हालांकि मसूरी झील एक मैन मेड लेक है, पर यहां पर पर्यटकों के लिए बहुत कुछ है। स्थानीय लोगों इसे एक पिकनिक स्पॉट के रूप में देखते है और अक्सर वीकेंड और छुट्टियों के दिन इसकी सैर करने चले आते है।
आपको इस स्थान कर नौका विहार जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आप यहां वॉटर जॉर्बिंग और जिप लाइनिंग ट्राई कर सकते हैं।
झील के पास कई रेस्टोरेंट हैं जहां आप मस्ती करने के बाद, एक स्वादिष्ट जायके का मजा ले सकते हैं।
टिकट रेट: ₹15 प्रति व्यक्ति।
खुलने का समय: सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक।
भट्टा फॉल्स हाल में ही विकसित एक टूरिस्ट स्पॉट है, जो आगे आने वाले समय में लोकप्रिय होगा। 2019 में यहां आने के लिए रोपवे का संचालन शुरू किया गया।
मसूरी के भट्टा गांव से इस झरने तक आने के लिए आप या तो ट्रेक कर सकते हैं या रोपवे का सहारा ले सकते हैं।
परिवार और दोस्तों के साथ कुछ वक्त मौज मस्ती और प्रकृति के गोद में बिताने के लिए आप यहां आ सकते हैं। झरने में नहाने और बच्चों के साथ फन राइड्स करने के बाद फास्ट फूड एंजॉय करने का एक अलग ही आनंद होगा।
रोपवे टिकट रेट: ₹150 प्रति व्यक्ति।
खुलने का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक।
हमारे लिस्ट में शामिल आखिरी स्थान एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए है। यह पार्क हर तरह के एडवेंचर गेम्स उपलब्ध करवाता है।
आप यहां जिप्लाइन, स्काईवॉक, जिप्सविंग, वैली क्रॉसिंग, रॉक क्लाइंबिंग, माउंटेन बाइकिंग, जैसे तमाम एडवेंचर एक्टिविटीज कर सकते हैं।
हर एक्टिविटी के लिए अलग-अलग चार्ज है, आप अपने रुचि के हिसाब से एडवेंचर को चुन सकते है।
मसूरी एडवेंचर पार्क, नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन, एडवेंचर टूर ऑपरेटर ऑफ इंडिया, और उत्तराखंड टूरिज्म का एक सदस्य है।
खुलने का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक।
मसूरी में पारंपरिक गढ़वाली व्यंजन के साथ-साथ चाइनीज जायके का मजा लिया जा सकता हैं। और जब आप यहाँ हो, तो यहां के कैफे को अपनी लिस्ट में अवश्य ही शामिल करें।
मसूरी में शॉपिंग के भी तमाम विकल्प मौजूद है। यहां से घर ले जाने वाली कुछ चीजें लकड़ी के कटोरे, छड़ी, ट्रे, रसोई के सामान, बेंत की टोकरियाँ, गहने के बक्से, प्रार्थना के पहिये, आदि हैं।
मसूरी में कई ऐसे कैफे हैं, जो बेहतरीन जायका प्रस्तुत करते है। आप यहां तरह-तरह के मोमो के साथ अन्य डिश भी खा सकते है। ज्यादातर कैफे कुलरी बाजार में हैं। हमने स्वयं कलसंग कैफे में मोमो सूप का स्वाद चखा।
शाम के समय मॉल रोड पर घूमना आपके जीवन का एक अद्भुत अनुभव होगा। आप अपने प्रियजनों, दोस्तों आदि के साथ स्ट्रीट फूड खा सकते हैं। इसके अलावा यहां शॉपिंग के लिए भी कई विकल्प उपलब्ध हैं।
अगर आप कन्फ्यूज हैं कि मसूरी में क्या करें, तो सलाह है ही कंपनी गार्डेन का दौरा कीजिए। यहां वह सब कुछ है, जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ कुछ अनोखे और मजेदार पल बिता सकें।
अगर आपने कभी रोपवे की सवारी नहीं की है, तो आपको यहाँ जरूर इसका अनुभव लेना चाहिए। और अगर आप पहले सवारी किए भी है, तो खुद को पहाड़ियों के बीच चलते रोपवे को देखकर रोक नही पाएंगे।
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो बस चले आइए एडवेंचर पार्क। यहां वो सारी एडवेंचर एक्टिविटीज हैं जो आपको व्यस्त रखेंगी। यहाँ रॉक क्लाइंबिंग से लेकर स्काई वॉक तक विभिन्न प्रकार के गेम्स उपलब्ध हैं।
अगर हम मसूरी के मोल रोड या गांधी चौक को केंद्र मान लें, तो लगभग सभी मुख्य घूमने वाली जगहें 10 किमी की परिधि के अंदर हैं। बस एक केम्पटी फॉल 15 किमी को दूरी पर है।
एक चीज ध्यान देने लायक है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आप सभी जगहों को नहीं घूम सकते। आपके पास मात्र दो विकल्प हैं, या तो आप बाइक रेंट पर लें, या टैक्सी बुक करें। बाकी खुद के वाहन से जा रहे हैं तो आपको इसकी टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है।
मसूरी का निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है। यह मसूरी से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित है। देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए ट्रेनें उपलब्ध हैं। रेलवे स्टेशन से मसूरी पहुंचने के लिए आप टैक्सी, या बस ले सकते है।
दिल्ली, देहरादून, ऋषिकेश, और हरिद्वार से कई लग्जरी, डीलक्स, सरकारी और सेमी-डीलक्स बसें मसूरी के लिए चलती हैं। दिल्ली में आईएसबीटी कश्मीरी गेट से बसें आसानी से उपलब्ध हैं। हाईवे की सड़कों की अच्छी स्थिति को देखते हुए आपकी ड्राइव मजेदार होगी।
देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा (60 किमी दूर) मसूरी का निकटतम एयरपोर्ट है। यह देश के मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। एयरपोर्ट से मसूरी पहुंचने के लिए आप टैक्सी/बस किराए पर ले सकते हैं।
अगर बात मसूरी घूमने के सबसे अच्छे समय की हो, तो बेफिक्र होकर आइए। यह हिल स्टेशन सालभर घूमने के लिए आदर्श है। हर मौसम में इसके मिजाज बदले हुए होते है।
सर्दियों में मौसम काफी ठंडा रहता है और तापमान काफी गिर जाता है। मसूरी में आपको स्नोफॉल भी देखने को मिलती है। इस समय पूरी घाटी बर्फ के सफेद चादर से ढक जाती है।
गर्मियों का मौसम सबसे अनुकूल माना जाता है। क्यूंकि इस समय आप सभी एडवेंचर एक्टिविटीज के साथ सभी मुख्य पर्यटन स्थलों को अच्छे से घूम सकते है। अगर परिवार, बच्चो और दोस्तों के साथ आ रहे हो तो गर्मियों में आएं।
बरसात का मौसम उन लोगों के लिए बेहतर है, जो मसूरी की हरियाली को निहारना चाहते हैं। इस समय हिल स्टेशन की खूबसूरती चरम सीमा पर होती है। हर तरफ हरियाली, ठंडी शुष्क हवा, और हल्का कोहरा, वातावरण को मनमोहक बनाता है।
बजट और दिनों की संख्या इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति शहर को किस प्रकार से घूमना चाहता है। फिर भी एक सामान्य बजट नीचे दिया गया है:
एक दिन के लिए: ₹2000
दो दिन के लिए (बोटिंग और रोपवे सहित): ₹3000
तीन दिन के लिए(एडवेंचर गेम्स सहित ): ₹4500
अगर आप बस मुख्य आकर्षणों को घूमना चाहते हैं, तो एक से दो दिन का समय काफी होगा। पर यदि आप शहर को अच्छे से देखना और घूमना की ख्वाइश रखते हैं, तो कम से कम आपको तीन दिन तो देने ही चाहिए।
उत्तराखंड का एक मुख्य हिल स्टेशन होने के कारण आपको यहां रुकने के बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं। आपका बजट अगर कम है तो आप हॉस्टल या होमस्टे में रुक सकते है। और अगर बजट की समस्या नहीं है, तो 3 स्टार से लेकर 5 स्टार होटल तक उपलब्ध हैं।
आप अपने सुविधा के रुकने का विकल्प चुन सकते हैं। ज्यादातर होटल मॉल रोड और लाइब्रेरी रोड के आसपास मौजूद है। यहां से आपको पर्यटन स्थलों के लिए वाहन भी आसानी से मिल जायेंगे।
चूंकि मसूरी शहर का मुख्य आय का जरिया टूरिज्म सेक्टर ही है। इसलिए लोग यहां पर पर्यटकों से अच्छा व्यवहार करते हैं। हमने स्वयं दो दिन के दौरान इसका अनुभव किया।
सोलो ट्रैवल करने वालो के लिए भी किसी तरह को कोई दिक्कत नहीं है। फिर भी सलाह दी जाती है कि आप सतर्क रहें।
हमने हमारी यात्रा के दौरान शहर की स्वच्छता को काफी सराहा। इतना ही नहीं केम्प्टी फॉल्स, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, कंपनी गार्डेन सहित सार्वजनिक स्थानों पर पब्लिक टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध हैं।
पहाड़ों की रानी के नाम से कौन सा स्थान प्रसिद्ध है?
उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के निकट बसा मसूरी को पहाड़ों की रानी के नाम से जाना जाता है। यह हिल स्टेशन आपको प्रकृति के ऐसे सौंदर्य पेश करता है, आपको मदहोश करने के लिए काफी है।
मसूरी घूमने का सही समय क्या है?
मसूरी घूमने के लिए आप साल के किसी भी महीने में आ सकते है। सबसे ज्यादा पर्यटक मार्च से जून तक आते हैं। यह पीक सीजन होता हैं। इसके अलावा अगर आप बर्फबारी देखना चाहते हैं तो दिसंबर या जनवरी में आ सकते हैं।
मसूरी में घूमने की कौन कौन से जगह हैं?
मसूरी में घूमने की जगहें केम्प्टी फॉल्स, कंपनी गार्डेन, सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस, दलाई हिल्स, लाल तिब्बा, क्लाउड्स एंड, मसूरी झील, गन हिल पॉइंट, मसूरी एडवेंचर पार्क आदि हैं
यह मसूरी से जुड़ी हमारी ट्रैवल गाइड है। उम्मीद है इसमें मसूरी से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी जानकारी को साझा करने में सफल रहे हैं।
फिर भी यदि आपके कोई सुझाव या सवाल हैं, तो आप बेझिझक नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार व्यक्त करें। हम आपके सुझावों से खुद को और बेहतर बनाने का प्रयत्न करेंगे।
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