अगर हमें कुछ शब्दों में नाग टिब्बा ट्रेक का वर्णन करना हो तो हम आपको बताना चाहेंगे कि यह छोटा, सुंदर और मजेदार है। यदि आपके पास एक या दो दिन का समय है और आप बर्फीले ट्रेक की तलाश में हैं या हिमालय में ट्रेक करना चाहते हैं, तो नाग टिब्बा आपके लिए एक अच्छा विकल्प है।
नाग टिब्बा ट्रेक उत्तराखंड में स्थित में एक आसान से मध्यम स्तर का ट्रेक (अनफिट लोगों के लिए कठिन हो सकता है) है। नाग टिब्बा के टॉप तक की एकतरफा दूरी 10 किमी है। यह ट्रेक राज्य की राजधानी देहरादून से 100 किमी दूर पंटवारी नामक गांव से शुरू होता है।
यह यात्रा मार्गदर्शिका आपको नाग टिब्बा ट्रेक के बारे में सभी आवश्यक बातें बताएगी: अपनी यात्रा की योजना कैसे बनाएं, कहां ठहरें, दूरी, और बहुत कुछ।
सूचना: इस पोस्ट में कुछ लिंक हो सकते हैं। जब आप उनके माध्यम से कुछ खरीदते हैं या कोई बुकिंग करते हैं तो हमें वित्तीय सहायता मिलती हैं। वे किसी भी तरह से हमारी राय या यहां प्रस्तुत जानकारी को प्रभावित नहीं करते हैं।
यदि आप नाग टिब्बा ट्रेक करने की योजना बना रहे हैं तो यहां कुछ आवश्यक चीजें हैं जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए:
शुरुआती बिंदु से पंटवारी गांव है, जहां से नाग टिब्बा ट्रेक के बेस कैंप तक की दूरी 5 किमी है। यह दूरी बाकी ट्रेक की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण है। आप उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हैं, इतनी खड़ी नहीं बल्कि छोटी चट्टानों, कंकड़ और अन्य जंगली वस्तुओं के साथ।
हालाँकि, आप इस पगडंडी के साथ जो परिदृश्य देखते हैं, उसे शब्दों में बताना मुश्किल है। आप ग्रामीणों को नींबू पानी बेचते हुए या ऊपर से भारी सामान ढोते हुए देख सकते हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि इस 5 किमी के ज्यादातर रास्ते में बैठने के लिए कोई शेड नहीं है। इसलिए यदि आप इस ट्रेक को कर रहे हैं तो अधिक गर्म होने पर पसीने से लथपथ होने के लिए तैयार रहें।
बेस कैंप तक पहुंचने के बाद, जो टॉप से 5 किमी पहले है, आपको आमतौर पर एक रात के लिए आराम करना होता हैं। और फिर अगले दिन, सुबह-सुबह, लगभग 3:30 बजे, आप उठते हैं और टॉप पर जाने के लिए ट्रेक शुरू करते हैं। यदि आप सूर्योदय नहीं देखना चाहते हैं, तो आप उसके अनुसार समय को सेट कर सकते हैं। यहां का सूर्योदय देखने का अलग ही मजा है, पर इसके लिए आपको भोर में जल्दी ट्रेक शुरू करना पड़ेगा।
टॉप से 1 किमी पहले आपको नाग देवता मंदिर दिखाई देगा। यह सांपों के देवता हैं और स्थानीय लोग अपने मवेशियों की सुरक्षा के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। इस लैंडमार्क की यात्रा करना न भूलें!
इसके अलावा, एक ऑन-डिमांड टैक्सी सेवा है जिसके बारे में अपने गाइड से संपर्क करें। आप बेस कैंप से 2 किमी दूर पंटवारी जाने और आने के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
नाग टिब्बा ट्रेक पंटवारी गांव से शुरू होता है। तो, देहरादून से नाग टिब्बा की दूरी 100 किमी, मसूरी से 55 किमी और दिल्ली से 380 किमी है।
ऐसे जाएं नाग टिब्बा ट्रेक:
नाग टिब्बा ट्रेक की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है। हालाँकि, यदि आप बर्फ और नाग टिब्बा को सफेद चादर में ढका हुआ देखना चाहते हैं, तो जनवरी से मार्च के बीच किसी भी महीने में जाएँ।
हम मार्च में गए थे जब दिन में बहुत गर्मी हो रही थी। लेकिन जैसे ही हम बेस कैंप से टॉप की ओर बढ़े, तापमान गिरना शुरू हो गया, और सर्द हवा हमारे गालों को छू रही थी।
यदि आकाश साफ है और चांद नहीं है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि आप गैलेक्सी के बैंड को नग्न आंखों से देख सकते हैं। हमने इसे अपने ट्रेक के दौरान टॉप पर देखा। यह बहुत बढ़िया और बेहतरीन अनुभव था!
यदि आप एक अंतरिक्ष प्रेमी हैं या खगोलीय पिंड में रूचि रखते हैं, तो नाग टिब्बा ट्रेक के यात्रा की योजना बनाएं।
नाग टिब्बा पहुंचने के लिए आपको उत्तराखंडी गांव पंटवारी पहुंचना होगा। इस गांव में जाने के लिए आपको देहरादून से निजी या सार्वजनिक वाहन लेना होगा। इसके अलावा, आप निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करके देहरादून पहुंच सकते हैं:
देहरादून रेलवे स्टेशन, दिल्ली और लखनऊ सहित भारत के महत्वपूर्ण स्टेशनों से जुड़ा है। यहाँ के लिए आसानी से ट्रेन मिल जाएगी।
देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा भारत के कई हवाई अड्डों से जुड़ा है। आप देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से देहरादून के लिए कई सस्ती उड़ानें आसानी से पा सकते हैं।
उत्तराखंड परिवहन विभाग आसपास के राज्यों से और नियमित बसों का संचालन करता है। उदाहरण के लिए, आप राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से लगातार बसें पा सकते हैं। बसों का समय जानने के लिए संबंधित परिवहन विभाग के कस्टमर केयर पर कॉल करना न भूलें।
यदि आपने किसी ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से अपना ट्रेक बुक किया है, तो उनके पास पहले से ही आवास की व्यवस्था होगी। अगर आप बिना किसी ट्रैवल एजेंसी के जा रहे हैं तो आपको पंटवारी गांव और बेस कैंप में रहने की जगह मिल जाएगी।
हालांकि, किसी भी मुसीबत से बचने के लिए पहले से बुकिंग करना और ऑफ-सीजन में यात्रा करना अच्छा है। फिर से, हमारे पास भरोसेमंद संपर्क हैं, इसलिए यदि आप नाग टिब्बा ट्रेक करना चाहते हैं तो कृपया मिसफिट वांडरर्स से संपर्क करें।
तो, यह यात्रा मार्गदर्शिका आपको अपने नाग टिब्बा ट्रेक की कुशलतापूर्वक योजना बनाने में मदद करेगी। अब आप जानते हैं कि आप नाग टिब्बा तक कैसे पहुंचेंगे और आपको किन महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, आप जानते हैं कि कौन से गैजेट और एक्सेसरीज़ आपकी मदद करेंगे।
नाग टिब्बा निचले हिमालय क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है और भारत में सबसे अच्छे बर्फीले ट्रेक्स में से एक है। यह न केवल प्राकृतिक नजारों की पेशकश करता है जो आपको आकर्षित करेगा, बल्कि यह भारत में सबसे आसान ट्रेक में से एक है।
हम आपके शानदार नाग टिब्बा अभियान की कामना करते हैं।
और पढ़ें: देहरादून में घूमने की जगहें
एक अपील: कृपया कूड़े को इधर-उधर न फेंके। डस्टबिन का उपयोग करें और यदि आपको डस्टबिन नहीं मिल रहा है, तो कचरे को अपने साथ ले जाएं और जहां कूड़ेदान दिखाई दे, वहां फेंक दें। आपकी छोटी सी पहल भारत और दुनिया को स्वच्छ और हरा-भरा बना सकता है।
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