क्या आपको पता है कि जैसलमेर के निकट स्थित कुलधरा गाँव एक शापित और रहस्यमयी गाँव है जो भारत के सबसे डरावनी जगहों में से एक है।
आपने भले ही पहाड़ों और समुद्र के किनारों का मज़ा लिया होगा, पर सोचिए की रेगिस्तान में टिमटिमाते तारों के बीच रात बिताना कैसा होगा!
यह सब अनुभव आप राजस्थान के जैसलमेर में बखूबी कर सकते हैं। थार रेगिस्तान के बीचोबीच बसा जैसलमेर एक मनोरम शहर है जो अपने शानदार किलों, सुनहरी रेत के टीलों, जटिल नक्काशी वाली हवेलियों और जीवंत संस्कृति के साथ के लिए प्रसिद्द है।
यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसको ऐतिहासिक जगहों की सैर करना अच्छा लगता है, तो जैसलमेर आपके लिए एक उपयुक्त स्थान है।
इस यात्रा गाइड में, हम आपको जैसलमेर के एक आभासी यात्रा पर ले जाएंगे। इसके साथ-साथ यह भी बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंचें, कहां रुकें, कब जाएं, क्या खाएं, क्या खरीदें आदि।
नोट: इस पोस्ट में कुछ लिंक हो सकते हैं जो आपके द्वारा खरीदारी या कोई आरक्षण करने पर हमें वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं। वे किसी भी तरह से हमारी राय या यहां दी गई जानकारी को प्रभावित नहीं करते हैं।
विषय सूची
- जैसलमेर कैसे पहुंचें?
- जैसलमेर में घूमने की टॉप 5 जगहें
- जैसलमेर के आसपास घूमने की अन्य जगहें
- जैसलमेर के स्थानीय पकवान
- जैसलमेर में क्या स्मृति चिन्ह खरीदें?
- जैसलमेर में कहां रुकें?
- यात्रियों के लिए सुझाव
- जैसलमेर में आकर्षणों के बीच दूरी और ट्रांसपोर्ट के विकल्प
- जैसलमेर घूमने का सही समय
- जैसलमेर घूमने का खर्चा और दिनों की संख्या
- सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
- समापन
जैसलमेर की वीडियो यहाँ देखें
जैसलमेर कैसे पहुंचें?
जयपुर से जैसलमेर की दूरी 560 किमी या 348 मील है।
जैसलमेर भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिससे आपके लिए यहाँ पहुंचना काफी आसान है। यहाँ तक पहुँचने के कई रास्ते हैं, जिनमे कुछ आम विकल्पों में शामिल हैं:
हवाई जहाज द्वारा
जैसलमेर का अपना हवाई अड्डा है, जिसे जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट (JSA) के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि, अब इस हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी सीमित है, और केवल कुछ घरेलू फ्लाइट्स संचालित होती हैं। यह फ्लाइट्स इसे दिल्ली, जयपुर और मुंबई जैसे शहरों से जोड़ती हैं।
नोट: यह फ्लाइट्स अब घूमने वाले महीनों (अक्टूबर से मार्च) में ही संचालित होती हैं।
इसके अलावा जोधपुर (280 किमी), और जयपुर (550 किमी) दो अन्य निकटतम एयरपोर्ट हैं, जहाँ से आप जैसलमेर पहुँच सकते हैं।
स्मार्ट सुझाव: जोधपुर या जयपुर की फ्लाइट देखें
ट्रेन द्वारा
जैसलमेर रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ आने-जाने के लिए देश के कोने कोने से कई ट्रेनें चलती हैं। आप भारत से किसी भी शहर से यहाँ रेल द्वारा आसानी से आ सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन जैसलमेर रेलवे स्टेशन (JSM) है, जो शहर के बीच स्थित है।
![जैसलमेर रेलवे स्टेशन](https://misfitwanderers.com/wp-content/uploads/2023/06/Jaisalmer-railway-station-%E2%80%94-Jaisalmer-Places-to-Visit.jpeg)
रोड द्वारा
यदि आप सड़क यात्रा का चुनाव करते हैं, तो आपको बता दें कि जैसलमेर तक राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा पहुँचा जा सकता है।
जयपुर से आप NH62 मार्ग ले सकते हैं, जो अजमेर, और जोधपुर जैसे शहरों से होकर गुजरता है। इसके अलावा आप खुद भी ड्राइव करके जैसलमेर भी जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यात्रा लम्बी हो सकती हैं।
जैसलमेर में घूमने की टॉप 5 जगहें
जैसलमेर का किला
आपने तमाम किले देखे होंगे जो अब मात्र टूरिस्टों के लिए खुले हैं, लेकिन आपको बता दें की यह किला भारत का एकलौता जीवंत किला है जहाँ लोग रहते हैं।
![जैसलमेर का किला](https://misfitwanderers.com/wp-content/uploads/2023/06/Jaisalmer-fort-%E2%80%94-Jaisalmer-Places-to-Visit.jpeg)
यह थार रेगिस्तान की सुनहरी रेत के बीच स्थित है जिसे सोनार किला या स्वर्ण किले के रूप में भी जाना जाता है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है और शहर के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला की प्रतिभा को प्रदर्शित करता है।
12वीं सदी में बना यह किला राजपूत और इस्लामी स्थापत्य शैली का अनूठा मिश्रण है। जैसे ही आप किले की विशाल दीवारों के अंदर कदम रखते हैं, आप खुद को पुराने समय में वापस ले जाते हुए पाएंगे।
![](https://misfitwanderers.com/wp-content/uploads/2023/06/Lakshminath-temple-architecture-%E2%80%94-Jaisalmer-Places-to-Visit.jpeg)
![](https://misfitwanderers.com/wp-content/uploads/2023/06/Lakshminath-temple-in-Jaisalmer-fort-%E2%80%94-Jaisalmer-Places-to-Visit.jpeg)
तो आप सोच रहे होंगे कि यहाँ आपके लिए के है? चलिए बताते है:
- राज महल: यह रॉयल पैलेस ऐश्वर्य और भव्यता का प्रदर्शन करता है।
- जैन मंदिर: जैन तीर्थंकरों को समर्पित जटिल नक्काशीदार मंदिर हैं इसे बिलकुल भी मिस ना करें।
- लक्ष्मीनाथ मंदिर: भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित यह प्राचीन मंदिर बेहतरीन नक्कासी का नमूना है।
- किले की दीवारें और गढ़: संकरी गलियों से होते हुए मनोरम दृश्यों के लिए किले की दीवारों का अन्वेषण करें।
- किले का संग्रहालय: इसमें कलाकृतियां, शाही सामान और प्राचीन सिक्के रखे गए हैं। यह आपको यहाँ के इतिहास का परिचय देंगे।
- सूर्यास्त देखें: किले के टॉप से शहर और रेगिस्तान के मनोरम दृश्यों में डूब जाएं। वैसे यहाँ के सूर्यास्त का अनुभव करना आपकी सूची में अवश्य होना चाहिए।
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और पढ़ें: उदयपुर में घूमने की जगहें
सैम सैंड ड्यून्स (थार रेगिस्तान)
मंत्रमुग्ध कर देने वाले सैम सैंड ड्यून्स का अनुभव किए बिना जैसलमेर की आपकी यात्रा अधूरी है। शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, ये सुनहरे रेत के टीले एक असली रेगिस्तान का अनुभव कराते हैं।
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इसका अनुभव करना हमारे ट्रिप का एक बेहतरीन और यादगार पल था। सैम सैंड ड्यून्स में करने के लिए यहां कुछ रोमांचक चीजें नीचें हैं; हमने इसे स्वयं अनुभव किया है:
- कैमल सफारी: ऊँट की सवारी करें और सुनहरे रेगिस्तान के मंत्रमुग्ध कर देने वाले परिदृश्य को देखें और आसपास की शांति का आनंद लें।
- जीप सफारी: तेज और अधिक साहसिक अनुभव के लिए, रोमांचकारी जीप सफारी करें। आप एक 4×4 वाहन पर सवार होकर लहरदार रेत के टीलों पर घूमते हुए धड़कनों को महसूस करें।
- सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य: सैम के रेत के टीलों पर चमत्कारी सूर्योदय और सूर्यास्त का गवाह बनें। जैसे ही सूरज की किरणें रेत पर पड़ती हैं, ऐसा लगता है जैसे रेगिस्तान ने सुनहरे रंग से स्नान किया हो। इन आश्चर्यजनक तस्वीरें लें और इन लुभावने दृश्यों का आनंद लें और इस पल को अपने कैमरे में कैद करें।
- डेजर्ट कैंपिंग: रेगिस्तान में डेरा डालकर तारों भरे आकाश के नीचे एक रात बिताएं। सैम में कई कैंपसाइट बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित आरामदायक टेंट प्रदान करते हैं।
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- स्टारगेज़िंग: थार रेगिस्तान का साफ़ आसमान स्टारगेज़िंग के लिए एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। शहर की रोशनी की अनुपस्थिति नक्षत्रों की दृश्यता को बढ़ाती है और एक वास्तविक अनुभव प्रदान करती है।
- लोक प्रदर्शन: सैम में कई कैंप लाइव संगीत प्रदर्शन के साथ-साथ कलबेलिया और घूमर जैसे लोक नृत्यों की विशेषता वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। राजस्थान की जीवंत माहौल में डूब जाएं और क्षेत्र की समृद्ध कलात्मक विरासत को देखें।
- डेजर्ट फोटोग्राफी: सैम सैंड ड्यून्स फोटोग्राफरों के लिए एक शानदार अवसर प्रस्तुत करते हैं। प्रकाश और छाया के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य, रेत पर हवा द्वारा बनाए गए जटिल पैटर्न और अद्वितीय रेगिस्तान परिदृश्य को कैप्चर करें।
- क्वाड बाइकिंग और गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी: क्वाड बाइकिंग में लिप्त होकर अपनी साहसिक भावना को तृप्त करें। गर्म हवा के गुब्बारे द्वारा रेगिस्तान के ऊपर ऊंची उड़ान भरें और रेत के विशाल विस्तार के मनोरम दृश्यों का आनंद लें।
पटवों की हवेली
रेगिस्तान ले अलावा एक अन्य चीज़ जो आपको आकर्षित करेंगी, वो है यहाँ की हवेलियां। इनमे सबसे सुसज्जित और आकर्षक पटवों की हवेली है।
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जैसलमेर किले के निकट स्थित पटवों की हवेली पांच हवेलियों का संग्रह है जो बीते युग की भव्यता और ऐश्वर्य का प्रतीक है। 18वीं और 19वीं सदी में एक धनी व्यापारी परिवार ने बलुआ पत्थर से बनी इन जटिल नक्काशीदार हवेलियों का निर्माण किया था।
पटवों की हवेली घूमना आपको समय में पीछे ले जाता हैं और जैसलमेर की वास्तुकला के चमत्कार और सांस्कृतिक विरासत की सराहना करने का अवसर प्रदान करता है।
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इन हवेलियों के सामने के अग्रभाग बारीक नक्काशीदार बालकनियों, झरोखों (छज्जे की खिड़कियां), अलंकृत स्तंभों और विस्तृत रूपांकनों से सुशोभित हैं। इसके निर्माण में इस्तेमाल किया गया पीला बलुआ पत्थर हवेलियों को एक अलग सुनहरा रंग देता है
कुल मिलाकर हवेलियों के जटिल डिजाइन, ऐतिहासिक महत्व और अद्वितीय माहौल इसे जैसलमेर में घूमे जाने वाले मुख्य स्थानों में से एक बनाते हैं।
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- टिकट दर: भारतीय के लिए 50 रूपये, कैमरे के लिए अतिरिक्त शुल्क।
- खुलने का समय: सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक।
गडीसर झील
आप सोच रहे होंगे कि रेगिस्तान में झील की उत्पत्ति कैसे हो गयी? चलिए आपको विस्तार से बताते हैं। 14वीं शताब्दी में निर्मित, गडीसर झील एक मानव निर्मित झील है जो शहर का एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है।
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मंदिरों, घाटों और स्मारकों से घिरी झील, हलचल भरे शहर से अलग एक शांत वातावरण प्रदान करती है। आप यहाँ बोटिंग करते हुए सुरम्य परिवेश में खुद को डुबो सकते हैं।
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इसके अलावा झील के किनारे अलंकृत छत्रियों (मकबरे) पर जाएं, जो शहर के पूर्व शासकों और उनके परिवारों को समर्पित हैं। आसपास फ़ास्ट फ़ूड और नाश्ते के अनेक विकल्प हैं। साथ ही “आई लव जैसलमेर” की आकृति के सामने फोटो लेना ना भूलें।
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वैसे यह झील सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान विशेष रूप से सुंदर होती है। जब सुनहरी किरणें शांत पानी पर प्रतिबिंबित होती हैं, जिससे एक सम्मोहक वातावरण बनता है। मैं तो खुद को इस झील की तस्वीरें लेने से नहीं रोक पाया और अलग-अलग कोण से तस्वीरें ली।
सलीम सिंह की हवेली
हमारी जैसलमेर में घूमने वाली जगहों में सलीम सिंह की हवेली एक अन्य हवेली है। पटवों की हवेली से पैदल चलते हुए हम यहाँ पहुचें।
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यह हवेली एक अद्वितीय वास्तुशिल्प चमत्कार है जो राजस्थानी शिल्प कौशल की सरलता और रचनात्मकता को दर्शाता है। 18वीं शताब्दी के अंत में जैसलमेर के प्रधान मंत्री द्वारा निर्मित, यह हवेली अपनी विशिष्ट मोर के आकार की छत और उत्तम नक्काशी के साथ सबसे अलग है।
आप खुद को सुंदर मेहराबों, अलंकृत बालकनियों और जटिल रूप से डिज़ाइन किए गए कमरों की प्रशंसा करने से नहीं रोक पाएंगे। हवेली शहर के मनोरम दृश्य भी प्रस्तुत करती है, जो इसकी स्थापत्य कला की झलक प्रदान करती है।
यहाँ एक गाइड भी हैं जो बिना किसी शुल्क के आपको हवेली की बारीकियों और प्राचीनतम इतिहास से परिचय करवाते हैं। मेरी मुलाकात हवेली के वर्तमान मालिक से हुई जो जैसलमेर के प्रधान मंत्री के वंश के थे उन्होंने हमें कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी।
- टिकट दर: भारतीय के लिए 25 रूपये।
- खुलने का समय: सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक।
जैसलमेर के आसपास घूमने की अन्य जगहें
बड़ा बाग
जैसलमेर शहर से लगभग 6 किलोमीटर उत्तर में स्थित, बड़ा बाग महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। यह स्थल पीले बलुआ पत्थर से बने शानदार स्मारकों के संग्रह से सुशोभित है, जिसे छत्रियों के रूप में जाना जाता है।
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डूबते सूरज की पृष्ठभूमि में पीले बलुआ पत्थर की कब्रों का संयोजन एक सम्मोहक दृश्य बनाता है। इसकी स्थापत्य सुंदरता और सुरम्य परिवेश इसे फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए एक पसंदीदा स्थान बनाते हैं। दिन के अलग-अलग समय में प्रकाश और छाया का मेल इसके फोटोग्राफिक आकर्षण को बढ़ाता है।
कुलधारा
कुलधरा, जिसे अक्सर “घोस्ट विलेज” के रूप में जाना जाता है, एक सुनसान डरावना गांव है। यह शहर से लगभग 18 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में तत्कालीन शासक द्वारा उत्पीड़न और शोषण के डर से, ग्रामीणों ने छोड़ने से पहले भूमि को श्राप दिया कि कोई भी वहां फिर से बस न सके।
गांव तब से निर्जन बना हुआ है, जो प्रेतवाधित और रहस्यमयी गतिविधियों की कहानियों को जन्म देता है। घरों के अवशेष, खाली सड़कें, और वीरानी की भावना कुलधरा को आगंतुकों के लिए एक भयानक लेकिन मनोरम गंतव्य बनाती है।
जैसलमेर के स्थानीय पकवान
जैसलमेर के पकवान उतने ही जीवंत है जितनी इसकी सांस्कृतिक विरासत। राजस्थानी व्यंजनों के स्वाद का आनंद अवश्य लें, जो अपने समृद्ध और सुगंधित जायके के लिए जाना जाता है।
प्रसिद्ध दाल बाटी चूरमा, दाल, पके हुए गेहूँ के गोले, और मीठे गेहूँ के आटे का एक पौष्टिक संयोजन लेना न भूलें। केर सांगरी (सूखे जामुन और बीन्स से बनी एक राजस्थानी विशेषता) और लाल मास (मसालेदार लाल मांस करी) जैसे स्वादिष्ट व्यंजन स्थानीय स्वादों की झलक प्रदान करते हैं।
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घेवर एक अन्य स्थानीय पारंपरिक राजस्थानी मिठाई है जिसे आटे, चीनी की चाशनी और घी से बनाया जाता है। आप राजस्थानी व्यंजनों के बारे में जानने के लिए स्थानीय रेस्तरां, स्ट्रीट फूड स्टॉल पर इन व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं।
जैसलमेर में क्या स्मृति चिन्ह खरीदें?
जैसलमेर शॉपिंग करने वालों के लिए स्वर्ग है, जो स्मृति चिन्ह और पारंपरिक हस्तशिल्प के अनेक विकल्प पेश करता है।
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सदर बाज़ार और भाटिया बाज़ार जैसे चहल-पहल वाले बाज़ारों का अन्वेषण करें। यहाँ आपको ढेर सारे वस्त्र, कढ़ाई वाले कपड़े, रंगीन पगड़ियाँ, ऊँट के चमड़े के उत्पाद, चाँदी के गहने और पारंपरिक राजस्थानी कठपुतलियाँ मिलेंगी।
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![](https://misfitwanderers.com/wp-content/uploads/2023/06/padharo-mhare-desh-souvenir-%E2%80%94-Jaisalmer-Places-to-Visit.jpeg)
यह शहर अपने कुशल कारीगरों के लिए प्रसिद्ध है, जो जटिल दर्पण का काम, कढ़ाई और ब्लॉक-मुद्रित वस्त्र बनाते हैं। सबसे अच्छा सौदा पाने के लिए मोलभाव अवश्य करें और जैसलमेर की जीवंत संस्कृति का एक हिस्सा घर ले जाना न भूलें।
जैसलमेर में कहां रुकें?
जैसलमेर प्रत्येक यात्री की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए अनेक आवास विकल्प प्रदान करता है।
एक शानदार अनुभव चाहने वालों के लिए, पुराने महलों और हवेलियों से परिवर्तित हेरिटेज होटल और रिसॉर्ट हैं, जो भव्य कमरे, विश्व स्तरीय सुविधाएं और शाही अतीत की झलक पेश करते हैं।
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मध्यम श्रेणी के होटल और गेस्टहाउस आधुनिक सुविधाओं के साथ आरामदायक आवास प्रदान करते हैं। बजट यात्रियों को गेस्टहाउस, हॉस्टल और होमस्टे में किफायती आवास मिल सकते हैं जो एक आरामदायक और स्वागत करने वाला वातावरण प्रदान करते हैं।
एक अनोखे अनुभव के लिए, रेगिस्तान के कैम्प्स में रहने पर विचार करें, जहाँ आप सितारों से भरे रेगिस्तानी आकाश के नीचे सो सकते हैं और पारंपरिक राजस्थानी मेहमाननवाज़ी का आनंद ले सकते हैं।
यात्रियों के लिए सुझाव
जैसलमेर की अपनी यात्रा का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए, निम्नलिखित सुझावों पर विचार करें:
- जैसलमेर घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों (अक्टूबर से मार्च) के दौरान होता है जब शहर की खोज और डेजर्ट सफारी के लिए मौसम सुखद होता है।
- स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं का सम्मान करें, विशेष रूप से धार्मिक स्थलों का दौरा करते समय विनम्रता से कपड़े पहनें।
- हाइड्रेटेड रहें और सनस्क्रीन अपने साथ रखें, क्योंकि रेगिस्तानी धूप बहुत तीव्र होती है।
- बहार निकलते समय डिहाइड्रेशन और सनबर्न से संबंधित खतरों के प्रति सावधानी बरतें।
- सुनिश्चित करें कि आपके पास उचित यात्रा बीमा है और डेजर्ट सफारी के दौरान आवश्यक सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करें।
- ध्यान दें कि पीक सीजन, डेजर्ट फेस्टिवल, क्रिसमस, और नई ईयर के दौरान होटल, कैब, और डेजर्ट सफारी सामान्य रेट से दोगुना होते हैं।
जैसलमेर में आकर्षणों के बीच दूरी और ट्रांसपोर्ट के विकल्प
जैसलमेर में कुछ मुख्य स्थान आप या तो पैदल ही घूम सकते है, या टैक्सी/कैब बुक कर सकते हैं। इनमे जैसलमेर का किला, पटवों की हवेली, गडीसर झील, सलीम सिंह की हवेली शामिल है।
इसके अलावा बड़ा बाग, डेजर्ट सफारी, कुलधरा आदि के लिए आपको टैक्सी बुक करना पड़ेगा, क्योंकि ये शहर के बाहर स्थित हैं।
जैसलमेर रेलवे स्टेशन को केंद्र मानते हुए इन आकर्षणों की दूरी का विवरण यहां दिया गया है:
जगह का नाम | जैसलमेर रेलवे स्टेशन से दूरी |
जैसलमेर किला | 1.5 किमी (0.93 मील) |
सैम सैंड ड्यून्स | 42 किमी (26.1 मील) |
पटवों की हवेली | 1.8 किमी (1.12 मील) |
गडीसर झील | 1.4 किमी (0.87 मील) |
सलीम सिंह की हवेली | 1.4 किमी (0.87 मील) |
बड़ा बाग | 14 किमी (8.7 मील) |
कुलधरा | 35 किमी (21.75 मील) |
जैसलमेर घूमने का सही समय
जैसलमेर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों के दौरान नवंबर से फरवरी तक है। इन महीनों में, दिन के दौरान जैसलमेर का तापमान 10 से 25 डिग्री सेल्सियस (50 से 77 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक होता है। हालाँकि शाम को वातावरण ठंडा हो सकता है।
सर्दियों के दौरान यात्रा करने से आप जैसलमेर में आयोजित होने वाले विभिन्न त्योहारों और कार्यक्रमों का आनंद ले सकते हैं। फरवरी में मनाया जाने वाला डेजर्ट फेस्टिवल सांस्कृतिक प्रदर्शन, ऊंट दौड़ और अन्य पारंपरिक गतिविधियों के साथ एक प्रमुख आकर्षण है।
यह ध्यान देने योग्य है कि जैसलमेर गर्मी के महीनों (मार्च से जून तक) में अत्यधिक उच्च तापमान का अनुभव करता है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (104 डिग्री फ़ारेनहाइट) से ऊपर बढ़ जाता है। इसलिए गर्मियों में जाने से बचें।
मानसून का मौसम, जुलाई से सितंबर तक, गर्मी से कुछ राहत लाता है, लेकिन अप्रत्याशित वर्षा भी हो सकती है, जो आपकी यात्रा की योजना में बाधा बन सकती है।
जैसलमेर घूमने का खर्चा और दिनों की संख्या
यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप जैसलमेर में क्या देखना और करना चाहते हैं। यदि आप केवल मुख्य आकर्षणों पर जाना चाहते हैं, तो 2 दिन पर्याप्त होंगे।
यदि आप बड़ा बाग, डेजर्ट सफारी, कुलधरा, और स्थानीय संस्कृति का अनुभव करने जैसी और गतिविधियों में भाग लेना चाहते हैं, तो आप 3-4 दिनों के लिए ठहरने की योजना बना सकते हैं।
सभी के लिए बजट अलग-अलग हो सकता है। यह प्रायः इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन सा होटल लेते है, क्या खाते-पीते है और क्या खरीददारी करते हैं। फिर भी एक सामान्य बजट निम्नवत है:
- एक दिन के लिए: ₹2000
- दो दिन के लिए: ₹3000
नोट: इसमें डेजर्ट सफारी शामिल नहीं हैं। इसके लिए आपको ₹1000-5000 तक देना पड़ सकता है।
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
जैसलमेर में क्या-क्या प्रसिद्ध है?
जैसलमेर में घूमने की घूमने की जगहों में जैसलमेर का किला (जिसे सोनार किला भी कहा जाता है), पटवों की हवेली, सैम सैंड ड्यून्स, गडीसर झील, बड़ा बाग और जैन मंदिर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, थार रेगिस्तान में ऊंट सफारी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
जैसलमेर में घूमने कब जाये?
जैसलमेर की यात्रा का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीनों के दौरान अक्टूबर से मार्च तक होता है। इस समय मौसम सुहावना होता है और शहर के आकर्षणों की खोज के लिए उपयुक्त होता है।
क्या जैसलमेर पर्यटकों के लिए सुरक्षित है?
जैसलमेर आमतौर पर पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित शहर माना जाता है। हालाँकि, हमेशा आवश्यक सावधानी बरतने और सामान्य सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि अपने आस-पास के बारे में जागरूक रहना, रात में सुनसान जगहों से बचना और अपने सामान को सुरक्षित रखना आदि।
जैसलमेर को गोल्डन सिटी क्यों कहा जाता है?
जैसलमेर को अक्सर इसके सुनहरे रंग के बलुआ पत्थर की वास्तुकला और शहर के आसपास के सुनहरे रेगिस्तान के कारण “गोल्डन सिटी” कहा जाता है। यहाँ बने सभी घर और अन्य इमारते सुनहरे बलुआ पत्थर से निर्मित हैं।
समापन
तो ये थी जैसलमेर में घूमने की जगहें पर हमारा लेख। जैसलमेर, अपने वास्तुशिल्प चमत्कारों, सुनहरे परिदृश्य, समृद्ध विरासत और मेहमाननवाज़ी के लिए देश में ही नहीं पूरे संसार में मशहूर है।
चाहे आप शानदार किलों का पता लगाएं, रोमांचकारी रेगिस्तान के रोमांच में लिप्त हों, सांस्कृतिक विरासतों में डूब जाएं, या बस राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद चखें, जैसलमेर आपके दिल पर एक अमिट छाप छोड़ेगा।
तो अपना बैग पैक कीजिये, और इस अविश्वसनीय यात्रा पर निकल पड़िए।
उम्मीद है इसमें दार्जिलिंग से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी जानकारी को साझा करने में सफल रहे हैं।
फिर भी यदि आपके कोई सुझाव या सवाल हैं, तो आप बेझिझक नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार व्यक्त करें। हम आपके सुझावों से खुद को और बेहतर बनाने का प्रयत्न करेंगे।
एक अपील: कृपया कूड़े को इधर-उधर न फेंके। डस्टबिन का उपयोग करें और यदि आपको डस्टबिन नहीं मिल रहा है, तो कचरे को अपने साथ ले जाएं और जहां कूड़ेदान दिखाई दे, वहां फेंक दें। आपकी छोटी सी पहल भारत और दुनिया को स्वच्छ और हरा-भरा बना सकता है।