यात्रा कहो या घुमक्कड़ी, इस एक शब्द को लेकर हर व्यक्ति की अलग-अलग परिभाषाएं हैं। किसी के लिए यह काम से कुछ पलों का आराम, तो कुछ के लिए प्रकृति और ऐतिहासिक इमारतों को करीब से जानना। कुछ के लिए यात्रा एडवेंचर है, तो कुछ के लिए जीवन- यापन करने का तरीका।
मेरे लिए यात्रा करना एक जीवनशैली है। कई मायनों में यात्रा करना लाभप्रद होता है, या आसान भाषा में कहें तो यह आपको बहुत से अनोखे अनुभव कराती है। आप देश-विदेश के कोने-कोने में घूमने जाते है, जहां आप विभिन्न प्रकार की संस्कृति, वेशभूषा, भाषाएं, विभिन्न प्रकार के व्यंजन और त्योहारों के साक्षी बनते हैं।
सभी को यात्रा करने की प्रेरणा कहीं न कहीं से मिलती है। मुझे यात्रा करने की प्रेरणा बॉलीवुड की यात्रा फिल्म “ये जवानी है दीवानी” और हिंदी साहित्य के महान घुमक्कड़ “महापंडित राहुल सांकृत्यायन” जी से मिली। ये जवानी है दीवानी ने ना जाने कितने युवाओं को यात्रा करने की प्रेरणा दी। इसी प्रकार बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक बहुत सी ऐसी फिल्में बनी है जो यात्रा करने का प्रेरणाश्रोत है।
कोरोनावायरस की वजह से सभी लोग घरों में लॉकडॉउन हैं। इसलिए आज मैं कुछ ऐसी फिल्मों की सूची के साथ आया हूं जो आपके यात्रा करने की खुजली को शांत करेगी। चलिए अब मैं आपको ऐसी ही कुछ यात्रा फिल्मों के बारे में बताऊंगा जो आपको अवश्य देखनी चाहिए अगर आपको यात्रा करना पसंद है तो।
भूमिका – रणवीर कपूर, दीपिका पादुकोण, कल्की कोचलिन, आदित्य रॉय कपूर
साल और निर्देशन – 2013, अयान मुखर्जी
बनी (रणवीर कपूर), अपने दो दोस्तों अदिति ( कल्की कोचलीन) और अवी ( आदित्य रॉय कपूर) के साथ गर्मियों की छुट्टियों में मनाली घूमने का प्लान बनाता है। नैना( दीपिका) जो इनकी स्कूल की दोस्त होती है, वो भी इनको ज्वॉइन करती है। वे सब ट्रैकिंग करते हैं। बनी का सपना है कि वो सारी दुनिया घूमे। वह संसार का कोना-कोना देखता चाहता है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे वो अपने सपनों की उड़ान को भरता है।
इस यात्रा फिल्म में व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैं चाहे जितनी बार ये फिल्म देखूं, पर कभी बोर नहीं होता। इसका एक एक डायलॉग मेरे जेहन में हमेशा रहता है। एक-एक सीन को मैं हूबहू ज्यों का त्यों बता सकता हूं।
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भूमिका – हृतिक रोशन, फरहान अख्तर, अभय देओल, कल्की कोचलीन, कटरीना कैफ
साल और निर्देशन– 2011, ज़ोया अख़्तर
फिल्म की कहानी तीन बचपन के दोस्तों, अर्जुन (हृतिक रोशन), कबीर (अभय देओल) और इमरान ( फरहान अख्तर) की है, जो कबीर की शादी से पहले, तीन सप्ताह की सड़क यात्रा करने की योजना बनाते हैं। वे स्पेन के लिए रवाना होते है जहां वे लैला ( कटरीना कैफ) से मिलते हैं, जो अर्जुन के साथ प्यार में पड़ जाती है और उसे काम करने की उसकी मजबूरी को दूर करने में मदद करती है। कबीर और उनकी मंगेतर नताशा ( कल्की कोचलीन) के बीच कुछ गलतफहमी हो जाती है।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रत्येक मित्र एक एडवेंचर स्पोर्ट्स को चुनता है, जिसमें बाकी दोनों को भी भाग लेना पड़ता है। यह यात्रा फिल्म कंफर्ट जोन को पार करने, घावों को भरने, अपने जीवन से प्यार करने और अपने सबसे बड़े भय पर विजय पाने पर आधारित है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि हम अपने वर्तमान को पूरी खुशी के साथ जिएं।
भूमिका – कंगना रनौत, लिसा हेडेन, राजकुमार राव
साल और निर्देशन – 2014, विकास बहल
सोलो ट्रैवल करने के बारे में सोचने वालों के लिए यह फिल्म एक वरदान है। रानी ( कंगना रनौत) की शादी विजय (राजकुमार राव) से होने वाली होती है और एक दिन पहले उनके मंगेतर शादी करने से मना कर देते हैं। कुछ समय पश्चात रानी अकेले ही अपने हनीमून डेस्टिनेशन (पेरिस और ऐम्स्टरडैम) जाती है। पेरिस में उनकी मुलाकात विजयलक्ष्मी (लिसा हेडेन) से होती है। दोनों साथ साथ में मोहब्बत का शहर पेरिस घूमती हैं।
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वहां रानी अगले पड़ाव ऐम्स्टरडैम को जाती हैं। इसमें दर्शाया गया है कि कैसे एक अकेली लड़की अपना वजूद को पाने में सफल रहती है। एक यात्रा उसके जीवन को प्रभावित करती है और उसको पूरी तरह से बदल देती है। ये वाकई लड़कियों के लिए प्रेरणा है। मैं सभी लड़कियों को यह यात्रा फिल्म देखने की सलाह जरूर दूंगा।
भूमिका – एमिल हिर्श
साल और निर्देशन– 2007, सीन पेन
जॉन क्रकौर के उपन्यास इनटू द वाइल्ड पर बनी यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। हॉलीवुड में यात्रा पर आधारित यह मेरी पसंदीदा फिल्म है। इसमें एक धनी माता-पिता (मार्सिया गे हार्डन, विलियम हर्ट) का बेटा क्रिस्टोफर मैककंडलेस (एमिल हिर्श) एक अच्छा छात्र और एथलीट है, जो एमोरी विश्वविद्यालय से स्नातक है। हालांकि, एक प्रतिष्ठित और लाभदायक कैरियर को अपनाने के बजाय, वह अपनी बचत को दान में दे देता है और अकेले अलास्कन जंगल की यात्रा पर निकलने का विकल्प चुनता है। वह अलास्का के वादियों में अकेले जीवन व्यतीत करता है।
वह हिचहाईकिंग करते हुए अपनी यात्रा के दौरान कई स्थितियों का सामना करता है जो उसे एक व्यक्ति के रूप में बदलते हैं। इस यात्रा में प्राप्त अनुभव उसे एक नया व्यक्ति बनाती है। यह यात्रा फिल्म युवाओं के लिए यात्रा करने की सबसे बड़ी प्रेरणाश्रोत है।
भूमिका – जैक निकोलसन, मॉर्गन फ्रीमैन
साल और निर्देशन – 2007, रोब रिनर
एडवर्ड ( जैक निकोलसन) एक अड़ियल अरबपति व्यक्ति है और कैंसर से पीड़ित हैं। वो अपने खुद के हॉस्पिटल में भर्ती होते है जहां उनको कार्टर (मॉर्गन फ्रीमैन) के साथ कमरा साझा करना पड़ता है। कार्टर भी कैंसर से जंग लड़ रहे है। पहले तो दोनों में बिल्कुल नहीं बनती है। पर धीरे-धीरे दोनों में बनने लगती है। दोनों के पास जीने के लिए ज्यादा वक़्त नहीं है।
कार्टर अपनी एक बकट लिस्ट बनाते हैं जिनमे उन सभी चीजों का जिक्र है जो वो करना चाहते है। अंततः बकट लिस्ट को पूरा करने के लिए दोनों एक साथ दुनिया की सैर पर निकल जाते हैं। दोनों काफी अच्छे मित्र बन जाते है और यात्रा के दौरान नए-नए अनुभव करते हैं।
भूमिका – जेसन क्लार्क, जोश ब्रोलिन, जॉन हॉक्स, रॉबिन राइट , एमिली वॉटसन, केइरा नाइटली, सैम वर्थिंगटन, जेक गिलेनहाल
साल और निर्देशन– 2015, बाल्टासार कोरमाकुर
यह यात्रा फिल्म भी सच्ची घटना पर आधारित है जो आपकी सांसों को थमने पर मजबूर कर देगी। रॉबर्ट एडविन हॉल के 1996 पर आधारित एक एवरेस्ट एक्सपीडिशन है जहां वो 8 पर्वतारोहियों के साथ एवरेस्ट फतह करने की ओर अग्रसर होते है। रोब ( जेसन क्लार्क) एक कुशल पर्वतारोही है और स्कॉट फिशर उनके काम में प्रतिद्वंदी है। दोनों एक साथ अपने अपने लोगो के साथ एवरेस्ट फतह करने निकलते है।
चोटी पर पहुंचते ही उनका सामना एक बर्फीले तूफान से होता है, जिसमें कइयों की जान चली जाती है। प्रसिद्ध लेखक जॉन क्रकौर भी इस एक्सपीडिशन का हिस्सा होते है जो आउटसाइड पत्रिका की तरफ से गए होते है। अगर आप पहाड़ प्रेमी है और ट्रेक्किंग करना पसंद करते है तो बेशक यह यात्रा फिल्म आपको अवश्य देखनी चाहिए।
भूमिका – जूलिया रॉबर्ट्स
साल और निर्देशन – 2010, रयान मर्फी
ईट प्रे लव के ही नाम के उपन्यास पर आधारित यह फिल्म, एलिजाबेथ गिलबर्ट के जीवन की कहानी है। एलिजाबेथ (जूलिया रॉबर्ट्स) के पास वो सब कुछ है जिसका सपना आजकल एक महिला देखती है। उनके पास पति, घर और एक अच्छी नौकरी है। बावजूद इसके उनको हमेशा एक खालीपन का एहसास हुआ करता है। पति से अलग होने के बाद वो ये ढूंढने के लिए निकल पड़ती है, जो उनके खालीपन को भर सके।
वो अपने कंफर्ट जोन से निकलते हुए इटली, भारत और इंडोनेशिया की यात्रा करती है। अपनी यात्रा में, वह इटली में भोजन का आनंद लेती हैं, भारत में प्रार्थना की शक्ति प्राप्त करती हैं, और अंत में इंडोनेशिया में सच्चे प्रेम के आंतरिक शांति और संतुलन का सच्चा आनंद प्राप्त करता है। इस यात्रा फिल्म का शीर्षक भी इसी से मिलता-जुलता है।
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भूमिका – ब्रेड पिट, डेविड थेवलिस, जम्यंग जमट्सो वांगचुक
साल और निर्देशन – 1997 जीन जैकेउस अन्नौड
1939 के द्वितीय विश्व युद्ध के जमीनी स्तर पर आधारित यह यात्रा फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है। इसमें ऑस्ट्रिया के पर्वतारोही हेनरिच हेरर (ब्रैड पिट ) की जीवन के बारे में बताया गया है जो नंगा पर्वत पर चढ़ने के लिए पीटर औफस्कैनेटर ( डेविड थेवलिस) से मिलते है। विश्व युद्ध के दौरान उनकी बंदी बना लिया जाता है, जहां वो अपने साथी डेविड के साथ भाग जाते हैं।
वहां से निकलने के बाद वे लवासा, तिब्बत पहुंचते है। वहां उनको पोटला हाउस बुलाया जाता है ताकि वे 14वें दलाई लामा (जम्यंग जमट्सो वांगचुक) को भूगोल, विज्ञान और पश्चिमी सभ्यता सीखा सकें। दोनों एक दूसरे के विपरीत होने के बाद भी एक दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं, और अच्छे मित्र बन जाते हैं। इसमें दिखाया गया है कि कैसे यात्रा आपकी सोच को परिवर्तित कर देता है।
भूमिका – मार्टिन शीन
साल और निर्देशन– 2010
यह एक पिता कि कहानी है, जो अपने मृत बेटे को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए स्पेन में “कैमिनो डी सैंटियागो” की यात्रा करते हैं। हाल ही में इस ट्रैक करते हुए उनके बेटे की मौत हो गई है। उनका अनुभव आंख खोलने वाला और काफी भावुक था, क्योंकि उन्हें अपने 800 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान की की कुछ अजनबियों के साथ उनकी दोस्ती होती है। पिता का अभिनय (मार्टिन शीन) ने बखूबी निभाया है।
फिल्म में पात्रों का एक बहुत अच्छा मिश्रण है। सभी अपने स्वयं के व्यक्तिगत कारणों के लिए लंबे रास्ते की ट्रैकिंग करते हैं। यह वाकई में एक बहुत ही प्रेरणादाई फिल्म है, जो आपको अवश्य ही देखनी चाहिए।
भूमिका – बेन स्टिलर, क्रिस्टन वाइग
साल और निर्देशन – 2013, बेन स्टिलर
वाल्टर मिटी (बेन स्टिलर), जीवन पत्रिका का एक कर्मचारी, प्रकाशन के लिए नीरस दिन विकसित करने के बाद दिन बिताता है। काम से बचने के लिए, वाल्टर रोमांचक दिवास्वप्नों की एक दुनिया में रहता है जिसमें वह निर्विवाद नायक है। वाल्टर चेरिल (क्रिस्टन वाइग) नाम की एक साथी कर्मचारी को बहुत पसंद करता है और उसे डेट करना चाहता है। लेकिन वह अयोग्य महसूस करता है। हालांकि, उसे असली रोमांच का मौका मिलता है जब उसकी कंपनी के नए मालिक उसे अंतिम प्रिंट मुद्दे के लिए कुछ अच्छे फोटो लेने के लिए एक मिशन पर भेजते हैं।
इसमें दर्शाया गया है कि कैसे एक व्यक्ति अपने काम से परेशान होकर एक सपनों की दुनिया में जाता है जहां वो अलग अलग शहरों का भ्रमण करता है। यह यात्रा उसके जीवन को प्रभावित करने का काम करती हैं।
भूमिका – रीस विदरस्पून
साल और निर्देशन – 2014, जीन मार्क वेले
यह एक सच्चे जीवन घटना पर आधारित फिल्म है। चेरिल स्ट्रायड ने अपने उपन्यास “वाइल्ड : फ्रॉम लॉस्ट टू फ़ाइंड ऑन द पैसिफिक क्रेस्ट ट्रेल” में अपने जीवन के इस पड़ाव का जिक्र किया है। अपनी माता ( लौरा डेन) की मृत्यु से वो बहुत आहत हो जाती है और खुद को पाने और जीवन को फिर से एक नया मोड़ देने के लिए एक यात्रा पर निकल पड़ती है।
कंधे पर भारी भरकम रस्कसेक लिए वो अमेरिका की सबसे बड़े ट्रेल – पैसिफिक क्रेस्ट ट्रेल की यात्रा करती है जो कि 1100 मील की है। यह फिल्म हमें बताती है कि यात्रा गंतव्य की तुलना में अधिक सुंदर है।
उपर्युक्त सभी यात्रा फिल्में (ट्रेवल मूवी) आपको यात्रा करने के लिए प्रेरित करती हैं। मैंने खुद इनको देखा है। ये आपके लिए जीवन बदलने का कार्य करेंगी। वैसे आज सारा संसार एक बुरे दौर से गुज़र रहा है। कोरोना वायरस धीरे-धीरे पूरे विश्व में अपनी जड़ों को और मजबूत करता जा रहा है। जैसे – जैसे वक़्त गुजर रहा है, स्थिति और भी भयावह होती प्रतीत हो रही है।
यह सम्पूर्ण मानव जाति के लिए एक कठिन समय है। हमें धीरज से काम लेना होगा और संयम बरतना होगा। कई देशों ने लॉकडॉउन को अपनाया है, जिसमें आवश्यक कार्य के अलावा लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। इस संकट की घड़ी में यही एकमात्र तरीका है जिससे इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। उम्मीद है, आगे आनेवाले समय में हालात में कुछ सुधार हो और हम सब फिर से यात्रा कर सकें। तब तक आप आभासी यात्रा का मज़ा उठा सकते हैं।
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चूंकि अब लगभग सभी देशों में यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित है, तो आप यात्रा नहीं कर सकते। यात्रा करना ही इस वायरस को फ़ैलाने का सबसे बड़ा वाहक बना है। इसका एक उपाय है, आभासी (वर्चुअल) टूर। अतः। जब तक सब कुछ पुनः सामान्य नहीं हो जाता, आप सबसे विनम्र निवेदन है कि आप इन फिल्मों का लुत्फ़ उठाएं और जहां है, वहीं सुरक्षित रहे।
घर पर रहें ।
सुरक्षित रहें ।
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